Diwali 2023: इस लेख में हम आपको यह जानकारी देंगे कि दिवाली पर लाई गई नई लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के आगमन के बाद पुरानी मूर्तियों का आप कैसे सम्मानपूर्वक निपटारा कर सकते हैं। दिवाली के उत्सव पर हम में से बहुत से लोग अपने घरों में गणेश-लक्ष्मी की पूजा करते हैं और इस दौरान नई मूर्तियों को स्थापित करते हैं। परंतु पुरानी मूर्तियों के साथ क्या करें, इस बारे में अधिकांश लोग असमंजस में रहते हैं।
इस लेख में हम Diwali 2023 के उपलक्ष्य में आपको यह समझाएंगे कि दिवाली के अवसर पर नई मूर्तियां खरीदने के पश्चात् आपको अपनी पुरानी मूर्तियों के साथ क्या करना चाहिए। यदि आप इस विषय में जानने के इच्छुक हैं, तो कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।
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Diwali 2023: Overview
आर्टिकल का नाम | दिवाली उत्सव 2023 |
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आर्टिकल श्रेणी | ताजा अपडेट |
दिवाली की तारीख 2023? | 12 नवंबर 2023 |
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इस दिवाली पर यदि आप लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियां घर लाए हैं, तो त्योहार के बाद पुरानी मूर्तियों का क्या करना है, इस बारे में जानकारी आवश्यक है- Diwali 2023?
इस आर्टिकल में हम सभी पाठकों का स्वागत करते हुए, आपको Diwali 2023 के अवसर पर, जब आप बाजार से माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्तियाँ खरीदकर लाएंगे, तब आपकी पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए, इस विषय में जानकारी देंगे।
यदि आप Diwali 2023 के लेख में वर्णित पुरानी मूर्तियों के उचित निपटान के बारे में जानने के इच्छुक हैं, तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। इसमें आपको पुरानी मूर्तियों से संबंधित सम्पूर्ण और विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।
दिवाली के बाद लक्ष्मी-गणेश की पुरानी मूर्तियों का किस प्रकार निपटान करें?
दिवाली के अवसर पर जब आप गणेश-लक्ष्मी की नई मूर्तियाँ अपने घर लाएं, तो उनकी पूजा चौकी पर विशेष रूप से बिछाए गए कपड़े पर करनी चाहिए। पुरानी मूर्तियों को पूजा के स्थान पर बनाए रखें। भाई दूज के त्योहार के समापन के बाद, नई मूर्तियों को चौकी से हटा लें।
जिन पुरानी मूर्तियों ने पूरे वर्ष आपके घर में रहकर अपनी दिव्य दृष्टि से परिवार को आशीर्वाद दिया है, उनसे श्रद्धा और विनम्रता के साथ यह प्रार्थना करें कि वे नई मूर्तियों में अपना वास करें। इस प्रार्थना के पश्चात्, पुरानी मूर्तियों पर खील-बताशे, फूल, मिठाई, रोली, और अक्षत अर्पित कर उनकी आरती करें। फिर, इन मूर्तियों को सावधानीपूर्वक अखबार या कागज में लपेटकर किसी सम्मानजनक स्थान पर रखें। जब समय अनुकूल हो, तो इन्हें किसी निर्मल जल स्रोत या पवित्र स्थल पर विधिवत् विसर्जित कर दें।
Diwali 2023 के अवसर पर अगर आप लक्ष्मी पूजा कर रहे हैं तो इसके लिए जो शुभ मुहूर्त है उसके बारे में जानकारी इस तरह से है –
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शिक्षा संस्थान, किताबों की दुकानें और आध्यात्मिक लोग:
- पूजा का समय: सुबह 9:12 से 11:17 तक।
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लोहा और जूता उद्योग तथा फैक्ट्री मालिक:
- पूजा का समय: दोपहर 1:01 से 2:30 तक।
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एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, स्कूल, प्रकाशक, पूजा सामग्री विक्रेता, और पुस्तक विक्रेता:
- पूजा का समय: दोपहर 2:30 से 3:56 तक।
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सभी लोग:
- पूजा का समय: शाम 5:30 से 7:29 तक और 7:29 से 9:43 तक।
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कार्य सिद्धि पूजा या विशेष साधना करने वाले लोग:
- पूजा का समय: रात 12:06 से 2:22 तक।
निष्कर्ष
मित्रों, आज हमने आपके समक्ष Diwali 2023 पर आधारित हमारा लेख प्रस्तुत किया, जिसमें हमने यह विस्तार से बताया कि जब दिवाली पर आप लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियाँ लाते हैं, तो उस स्थिति में पुरानी मूर्तियों का क्या करना चाहिए। इस लेख में हमने पुरानी मूर्तियों को विधिवत रूप से परिवर्तित करने की पूरी प्रक्रिया आपको बताई है। साथ ही, हमने यह भी साझा किया कि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए कौन सा समय सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
हमें आशा है कि आपको यह जानकारी उपयोगी और पसंद आई होगी। यदि आपको हमारा Diwali 2023 का यह लेख लाभकारी लगा, तो कृपया इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा करें। इस पोस्ट से संबंधित कोई भी प्रश्न होने पर, कृपया हमें कमेंट के माध्यम से अवगत कराएं।
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