आईटी मंत्रालय के सचिव ने इस साल यूपीआई पेमेंट की शुरुआत करने की संभावना जताई है। दोनों देशों के बीच बातचीत अंतिम दौर में है। यह सुविधा शुरू होने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। पर्यटन, रोजमर्रा की जरूरतों, व्यापार आदि के सिलसिले में नेपाल और भारत के बड़े संख्या में लोग रोजाना बॉर्डर पार आवागमन करते हैं। इससे उन्हें भुगतान की भी जरूरत होती है, लेकिन कई बार उन्हें इसमें दिक्कत होती है। अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) इस दिक्कत को हल करेगा। यह सुविधा इस साल से शुरू होने की तैयारी है। इससे दोनों देशों के लोग अपने-अपने यहां यूपीआई ऐप का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।
आए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने बताया कि विदेश मंत्रालय इस संबंध में नेपाल से बातचीत कर रहा है। जल्दी ही इसको अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके बाद भारत के लोग नेपाल में प्रवास के दौरान भुगतान क्यूआर कोड से कर सकेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि 2023 में ही यह सुविधा शुरू हो जाएगी। अभी नेपाल में भारतीयों को नकद भी भुगतान करना होता है। हालांकि, वहां भारतीय मुद्रा का उपयोग किया जा सकता है। यूपीआई से भुगतान सुविधा मिलने पर लेनदेन सुगम हो जाएगा।
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नेपाली पीएम के भारत दौरे के दौरान लगेगी मुहर
भारत और नेपाल दोनों देशों के वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के अधिकारियों के बीच इस समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के भारत दौरे के दौरान इस पर हस्ताक्षर कर दिए जाएंगे. इस समझौते के बाद नेपाल और भारत के व्यापारियों को भी एक-दूसरे के साथ व्यापार के लिए सहजता प्राप्त होगी. दोनों देशों के व्यापारी अपने कारोबार के संबंधित वित्तीय कार्यों के लिए भी क्यू आर कोड (QR Code) के जरिए UPI लेन-देन करने में सक्षम होंगे.
टेक्निकल एग्रीमेंट पर पहले ही हो चुका समझौता
भारत में नेपाल का ई-वॉलेट और नेपाल में भारतीय ई-वॉलेट सेवा सुचारू करने के लिए एक वर्ष पहले ही तकनीकी समझौते पर हस्ताक्षर किया जा चुका है. नेपाल के तरफ से गेटवे पेमेंट्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और भारत के तरफ से नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया NPCI के बीच डिजिटल पेमेंट के तकनीकी पक्ष पर काम करने के लिए करार हुआ था.
33 देशों में यूपीआई लागू
मंत्रालय के मुताबिक यूपीआई को पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि अब तक 33 देशों में भारत की यूपीआई तकनीक को लागू किया गया है। यूएई जैसे देश भी इससे प्रभावित होकर इसे अपने यहां शामिल कर चुके हैं.
NPCI International की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय फाइनेंशियल संस्थान ने वर्तमान में UPI सेवा के लिए डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज DFS अमेरिका, जापान क्रेडिट ब्यूरो JCB यूनियन पे इंटरनेशनल (UPI) चीन, रॉयल मॉनेटरी ऑथिरिटी RMA ऑफ भूटान और नेटवर्क इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रांसफर (NETS), सिंगापुर के साथ साझेदारी की है। G20 डिजिटल वर्किंग ग्रुप की लखनऊ में आयोजित मीटिंग में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत ने 13 और देशों के साथ UPI एकीकरण के लिए MoU साइन किया है।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय UPI को पूरी दुनिया में चुना जाता है। अब तक, कुल 33 देशों में UPI या UPI जैसे सिस्टम को लागू किया गया है। भारतीय UPI का उपयोग करने वाले देशों में नेपाल, भूटान, सिंगापुर, यूके, फ्रांस, यूएई और मलेशिया सबसे पहले हैं। इसके अलावा, ओमान, सऊदी अरब, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इटली, लग्जमबर्ग, बहरीन, मालदीव,
नेपाल और भूटान में भी यूपीआई
भारतीय यूपीआई को लागू करने वाले देश में सबसे पहला नाम नेपाल का है। नेपाल ने पिछले साल मार्च 2022 में एनपीसीआई के यूपीआई डिजिटल पेमेंट सिस्टम को अपने यहां लागू किया था। फिलहाल नेपाली नागरिक अपने आतंरिक पेमेंट के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब जल्दी ही, भारतीय यूजर्स नेपाल में भी इसके जरिए जल्द इंस्टैंट पेमेंट कर सकेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय इस संबंध में नेपाल से बातचीत कर रहा है, ताकि भारत से नेपाल जाने वाले यूजर्स को ऑनलाइन पेमेंट करने में कोई दिक्कत न हो सके। लखनऊ में आयोजित जी-20 की बैठक में केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंव सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि इस साल से ही यह सुविधा शुरू हो जाएगी।
नेपाल के साथ-साथ पड़ोसी देश भूटान भी भीम-यूपीआई (BHIM UPI) आधारित पेमेंट सर्विस लॉन्च कर चुका है। एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और भूटान की रॉयल मोनेटरी ऑथिरिटी (RMA) ने भी क्यूआर (QR) आधारित पेमेंट्स के लिए साझेदारी की है। आने वाले कुछ महीनों में भारतीय यूजर्स भूटान में भी यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकेंगे।
किन लोगों को होगा फायदा?
सिंगापुर और भारत के बीच शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का फायदा उन भारतीय नागरिकों को होगा, जो सिंगापुर में काम करने या पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। यह सर्विस सुगम के साथ-साथ कम खर्चीली है। आरबीआई रेमिटेंस सर्वे 2021 (RBI Remittance Survey 2021) के मुताबिक, भारत से फंड ट्रांसफर किए जाने वाले देशों में सिंगापुर टॉप-4 देशों में आता है। विदेश मंत्रालय के दस्तावेजों के मुताबिक, सिंगापुर में रहने वाले भारतीय नागरिकों की संख्या 6.5 लाख के करीब है, जिनमें एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) भी शामिल हैं।
मॉनिटरी ऑथोरिटी ऑफ सिंगापुर (MAS) के चीफ फिनटेक ऑफिसर सोपेंदू मोहन्ती का मानना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद भारत और सिंगापुर में फंड ट्रांसफर करने पर लगने वाले खर्च में 10 प्रतिशत की कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि पेनाउ-यूपीआई की लिंकिंग की वजह से दोनों देश के नेशनल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को फायदा मिलेगा। वहीं, आरबीआई का मानना है कि यह नेक्स्ट जेनरेशन डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक नया आयाम स्थापित करेगा।
सारांश (Summary)
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Posted By-Govinda Rauniyar
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FAQS? UPI Payment nepal 2023
Ans, भूटान और नेपाल उन पहले देशों में से एक हैं जिन्होंने अपने-अपने देशों में भुगतान के लिए यूपीआई प्रणाली को अपनाया।
Ans, यूपीआई-नेपाल एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में शक्ति प्रदान करती है , कई बैंकिंग सुविधाओं को मर्ज करती है, निर्बाध फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान एक हुड में करती है। यह “पीयर टू पीयर” संग्रह अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार निर्धारित और भुगतान किया जा सकता है।
Ans, एनपीसीआई ने 1 अप्रैल, 2023 से व्यापारियों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने के लिए प्रीपेड भुगतान साधनों के उपयोग के लिए लेनदेन राशि पर 1.1 प्रतिशत का इंटरचेंज शुल्क पेश किया।
Ans, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. रघुराम जी. राजन ने 11 अप्रैल 2016 को मुंबई में पायलट कार्यक्रम का शुभारंभ किया। बैंकों ने 25 अगस्त, 2016 से अपने यूपीआई-सक्षम ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर जमा करना शुरू कर दिया है।
Ans, ACH प्रत्यक्ष जमा या बैंक हस्तांतरण के माध्यम से भुगतान करने पर भारत में उनके बैंक खाते सहित प्राप्तकर्ता जानकारी जोड़ें। अपनी प्रेषण राशि दर्ज करें, और एक लेन-देन आरंभ करें। अपने नेपाल बैंक खाते या डेबिट कार्ड जैसे वैकल्पिक तरीकों के माध्यम से अपने लेन-देन के लिए भुगतान करें। वापस बैठें और आराम करें, और देखें कि आपका पैसा भारत कैसे जाता है!